केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को केंद्र सरकार होली का तोहफा दे सकती है. 16 मार्च को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में डीए पर फैसला कर सकती है. मीटिंग में महंगाई भत्ता 31 फीसदी से बढ़ाकर 34 फीसदी किया जा सकेगा.
नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले से 50 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी और 65 लाख से अधिक पेंशनर्स को फायदा मिलेगा. सरकार 7th Pay Commission की सिफारिशों के मुताबिक बेसिक सैलरी पर DA कैलकुलेट करती है. आज 10 मार्च को 5 राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद आचार संहिता भी हट जाएगी. इसके बाद सरकार डीए पर फैसला ले सकती है.
अभी 31 फीसदी की दर से मिलता है डीए
फिलहाल सरकारी कर्मचारियों को 31 फीसदी डीए मिलता है. इसमें 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी से सरकारी कर्मचारियों के वेतन में अधिकतम 20,000 रुपये और न्यूनतम 6480 रुपये तक की बढ़ोतरी हो जाएगी. एआईसीपीआई के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2021 तक डीए 34.04% तक पहुंच गया है. अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 18,000 रुपये महीना है तो नया डीए (34%) होने पर 6120 रुपये प्रति माह मिलेगा. अभी डीए 31% होने पर 5580 रुपये मिल रहे हैं.
कब हुई थी डीए की शुरुआत
महंगाई भत्ता कर्मचारियों के रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है. हर साल जनवरी और जुलाई में डीए में बदलाव किया जाता है. भारत में मुंबई में 1972 में सबसे पहले महंगाई भत्ते की शुरुआत हुई थी. इसके बाद केंद्र सरकार सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाने लगा. पिछले साल जुलाई और अक्टूबर में केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में दो बार इजाफा किया था. जुलाई 2021 में, सरकार ने भी महंगाई राहत (DR) को 17 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया था.