रिजर्व बैंक अगली मौद्रिक नीति तय करने के लिए आज सोमवार से अपनी अपनी तीन दिवसीय बैठक शुरू करेगा.  उच्च मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं और नई जियो पॉलिटीकल परिस्थियों के बीच आरबीआई की ये बैठक अहम मानी जा रही है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बुधवार, 8 जून को नीति प्रस्ताव की घोषणा करने वाली है.

यह पहले से अनुमान लगाया जा रहा है कि एमपीसी बुधवार को अपनी आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में एक बार फिर से रेट हाइक करेगा. गवर्नर शक्तिकांत दास पहले ही इसका संकेत दे चुके हैं. रेट हाइक की धारणा और मजबूत इस लिए हो गई है कि महंगाई में कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है.

पिछले महीने हुआ था रेट हाइक

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 4 मई को ब्याज दरों में 0.40 प्रतिशत की वृद्धि की थी. उसी समय गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगामी समीक्षा में दरों में वृद्धि जारी रखने के संकेत दिए थे. उन्होंने कहा था कि इंफ्लेशन को 6 फीसदी के दायरे में लाने के लिए केंद्रीय बैंक जरूरी कदम उठाएगा.

मई 2020 के बाद ब्याज दरों में बढ़ोतरी

चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समिति की बैठक 6-8 अप्रैल के दौरान हुई थी. उस बैठक में आरबीआई ने प्रमुख दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. हालांकि, विशेष रूप से रूस-यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव के मद्देनजर बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण, मौद्रिक नीति समिति ने 2 और 4 मई 2022 को एक ऑफ-साइकिल बैठक आयोजित की. इस बैठक में उसने रेपो रेट में 40 आधार अंक वृद्धि करने का निर्णय लिया और रेपो रेट 4.40 प्रतिशत हो गई. मई 2020 के बाद पॉलिसी रेपो रेट में यह पहली बढ़ोतरी थी.

बढ़ सकती है ब्याज दरें

पिछले महीने ऑफ-साइकिल मौद्रिक नीति समीक्षा में, केंद्रीय बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को  भी 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया. सीआरआर में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी के साथ, आरबीआई ने सिस्टम से 87,000 करोड़ रुपए की लिक्विडिटी कम की थी.

मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बैठक में आरबीआई 0.40 प्रतिशत की एक और बढ़ोतरी कर सकता है. इसके अलावा अगस्त की समीक्षा में भी वह 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकता है. अगर ऐसा नहीं होता है तो आरबीआई अगले हफ्ते 0.50 प्रतिशत और अगस्त में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी का मन बना सकता है.