रोड रेज के 3 दशक पुराने मामले में एक वर्ष की सजा पाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू शायद आज पटियाला कोर्ट में सरेंडर न करें, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह जिक्र नहीं है कि उन्हें कब सरेंडर करना है. सरेंडर करने से पहले वह अपने वकील से सलाह लेंगे. पहले ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह आज सुबह 10 बजे पटियाला कोर्ट में सरेंडर कर देंगे. आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई को 34 साल पुराने केस में सिद्धू को एक साल कारावास की सजा सुनाई थी.
जिस मामले में सिद्धू को 1 वर्ष के कारावास की सजा हुई है, उसके पीड़ित मृतक गुरनाम सिंह के परिवार ने कहा कि वह शीर्ष अदालत के फैसले से संतुष्ट हैं. गुरनाम सिंह की बहू परवीन कौर ने कहा कि 34 साल की लड़ाई में कभी उनका मनोबल नहीं टूटा. उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू के रसूख पर ध्यान नहीं दिया, और उनका लक्ष्य सिर्फ आरोपी को सजा दिलाना था, जिसमें वह कामयाब रहीं. नवजोत सिंह सिद्धू के पास इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने का विकल्प मौजूद है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश तक वह जेल जाने से नहीं बच सकते.
क्या है 34 साल पुराना रोड रेज केस?
नवजोत सिंह सिद्धू का 27 दिसंबर 1988 को पटियाला में गाड़ी पार्किंग को लेकर 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से झगड़ा हुआ था. सिद्धू ने उन्हें मुक्का मारा था, बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई. सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर सिंह पर गैरइरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ. 1999 में सेशन कोर्ट ने सिद्धू को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. पीड़ित पक्ष इसके खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट चला गया. हाईकोर्ट ने 2006 में नवजोत सिद्धू को 3 साल कैद की सजा सुनाई और 1 लाख रुपए जुर्माने लगाया.
सिद्धू पहले बरी हुए, फिर सजा हुई
जनवरी 2007 में नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सरेंडर किया, उन्हें जेल भेज दिया गया. उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. 16 मई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को गैर इरादतन हत्या के आरोप में लगी धारा 304IPC से बरी कर दिया. हालांकि IPC की धारा 323, यानी चोट पहुंचाने के मामले में 1000 रुपए का जुर्माना लगा. इसके खिलाफ पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की. 19 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अपना फैसला बदलते हुए 323IPC यानी चोट पहुंचाने के आरोप में नवजोत सिंह सिद्धू को 1 साल कैद की सजा सुनाई.