कृषि मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी किए गए नए अनुमान के मुताबिक, भारत में गेहूं की पैदावार फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई से जून) में इससे पिछले फसल वर्ष से 3 फीसदी गिरकर 10.64 करोड़ टन रहने वाली है. फसल वर्ष 2020-21 में गेहूं की पैदावार 10.95 करोड़ टन रही थी.
यह सरकार के इस साल के लिए खुद के अनुमान 11.32 करोड़ टन से 4.61 फीसदी कम है. कृषि मंत्रालय फसल कटाई के अलग-अलग चरणों में 3 अनुमान जारी करता है. इसके बाद आखिर में फसल उत्पादन का अंतिम डेटा जारी किया जाता है.
क्या है कम पैदावार कारण
कृषि सचिव मनोज अहुजा ने कहा है कि गेहूं की पैदावार में गिरावट का एक बड़ा कारण यह है कि हीट वेव की वजह से हरियाणा और पंजाब में अच्छी फसल नहीं हुई है. उन्होंने कहा है कि गेहूं का उत्पादन इस साल गिरकर 10.5-10.6 करोड़ टन रह सकता है. मंत्रालय द्वारा जारी नए अनुमानों में गेहूं के अलावा कपास और मोटे अनाज की पैदावार में भी कुछ कमी देखने को मिल सकती है. हालांकि, अन्य अनाजों व नकदी फसलों की बात करें तो इनका उत्पादन पिछले साल से बेहतर रहने की उम्मीद है.
अन्य फसलों की पैदावार
अनुमान के अनुसार, चावल की पैदावार इस फसल वर्ष में 12.96 करोड़ टन रहेगी जबकि यह पिछले साल 12.43 करोड़ टन थी. वहीं, पिछले फसल वर्ष में दालों का उत्पादन 2.54 करोड़ टन हुआ था जो इस साल बढ़कर 2.77 करोड़ टन रहने की उम्मीद है. मोटे अनाज की पैदावार में थोड़ी कमी आने का अनुमान है. पिछले साल जहां इसका उत्पादन 5.13 करोड़ टन रहा था. इस साल यह 5.7 करोड़ टन रहने का अनुमान है. कुछ फसलों में गिरावट के बावजूद इस साल देश में अनाज का उत्पादन 31.45 करोड़ टन के साथ नया रिकॉर्ड बना सकता है. पिछले साल भारत में कुल 31.74 करोड़ टन अनाज की पैदावार हुई थी. देश में तिलहन की पैदावार 3.84 करोड़ टन, नकदी फसलों का उत्पादन 43 करोड़ टन रह सकता है. कपास का उत्पादन पिछले साल के 3.52 करोड़ से घटकर 3.15 करोड़ रहने का अनुमान है. जबकि जूट का उत्पादन 90.35 लाख टन से बढ़कर 1.22 करोड़ टन रह सकता है.