केन्द्र सरकार द्वारा जारी निर्देशों के बाद 18 से अधिक उम्र वालों को निजी अस्पतालों में 10 अप्रैल से कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लगनी शुरू हो गयी है, लेकिन बूस्टर डोज लगवाने वालों को तय कीमत से अधिक चुकाना पड़ रहा है. निजी अस्पतालों वालों का तर्क है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिया है, लेकिन शासन स्तर पर अभी तक निजी अस्पतालों के पास आदेश नहीं आए हैं, इसलिए पूर्व में ली जा रही कीमत ही वसूले रहे हैं. शासन से आदेश आते ही निर्धारित कीमतों पर बूस्टर लगायी जाएगी.
केन्द्र सरकार ने पिछले दिनों की घोषणा की थी कि 18 से अधिक उम्र के ऐसे लोग जिन्हें कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाए नौ महीने हो चुक हों तो बूस्टर डोज लगवा सकते हैं. हालांकि कोरोना वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज सरकारी और निजी अस्पतालों दोनों जगहों पर उपलब्ध हैं. निजी अस्पतालों में चार्ज देने पड़ रहे हैं, जबकि सरकारी अस्पताल में फ्री में वैक्सीन लग रही है. बूस्टर डोज सरकारी अस्पतालों में नहीं लगेगी, इसके लिए लोगों को निजी अस्पताल ही जाना पड़ेगा.
केन्द्र सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए बूस्टर डोज की कीमत 386.25 रुपये तय कर रखी है. इसके अलावा निजी अस्पताल सर्विस चार्ज के लिए 150 रुपये ले सकते हैं. इस तरह 536 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है. लेकिन निजी अस्पताल वाले पूर्व में तय कीमत ही लोगों से वसूल रहे हैं. कोविशील्ड के लिए 780 रुपये और कोवैक्सीन के लिए 1410 रुपये लिए जा रहे हैं. काफी संख्या में लोग यह कीमत देकर बूस्टर डोज लगवा रहे हैं.
इस संबंध में निजी अस्पतालों का तर्क है कि वो शासन की गाइड लाइन का पालन करते हैं. अभी तक शासन से इस संबंध में कोई गाइड लाइन नहीं आयी है, इसलिए पूर्व निर्धारित कीमत ही वसूल रहे हैं,जब शासन का गाइड लाइन अस्पतालों में आ जाएगी, उसके बाद तय कीमत ही ली जाएगी.
गााजियायबाद सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि अभी तक शासन से कोई गाइड लाइन नहीं आयी है, जिन निजी अस्पतालों में वैक्सीन है, वे बूस्टर डोज लगा रहे हैं क्योंकि वो पूर्व निर्धारित कीमत पर दी गयी है इसलिए वे पुरानी कीमत ले रहे हैं, जल्द ही शासन से आदेश मिलने की संभावना है. इसके बाद तय कीमत पर ही बूस्टर डोज लगवाई जा सकेगी.