हिमाचल प्रदेश में तीन दिन में कोरोना के रिकॉर्ड मामले सामने आए हैं. यहां पर तीन दिन में 4500 से ज्यादा केस रिपोर्ट हुए हैं. ऐसे में हिमाचल में सख्ती और बंदिशें लगने की संभावनाएं बढ़ गई हैं. शुक्रवार को हिमाचल कैबिनेट की मीटिंग बुलाई गई है और मीटिंग में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रेजेंटेशन देगा. हालांकि, चर्चा है कि हिमाचल में एंट्री के लिए नियम सख्त किए जा सकते हैं और साथ ही कोरोना के हॉट स्पॉट जिलों में पाबंदियां बढ़ाई जा सकती है.
दरअसल, हिमाचल में एक्टिव केस 6937 हो गए हैं. बीते तीन दिन तीन दिन में 1200, 1528 और 1804 क्रमश केस आए हैं. सूत्रों का कहना है कि सरकार प्रदेश में वीकेंड कर्फ्यू लगाने के पक्ष में है. वैसे भी सरकारी कार्यालय दफ्तर प्रदेश में पांच दिन ही खुल रहे हैं, लेकिन अब व्यापारिक प्रतिष्ठानों और प्राइवेट आफिस के लिए भी फाइव-डे वीक हो सकता है. साथ ही दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटकों सहित अन्य लोगों की एंट्री पर भी सख्ती हो सकती है और सरकार कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर ही एंट्री देने पर विचार करेगी. मौजूदा समय में किन्नौर जिला में बिना आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट के एंट्री नहीं दी जा रही है.
बसों में कैपसिटी पर फैसला
सार्वजनिक परिवहन जैसे बसों में भीड़ जुटाने पर भी रोक लग सकती है. बसों में फिर से 50 फीसदी सवारियां बिठाने का फैसला लिया जा सकता है. अहम बात है कि सूबे में कुछ जिलों में ज्यादा मामले आए हैं और यहां पर वीकएंड कर्फ्यू लगाया जा सकता है. कांगड़ा, सोलन, हमीरपुर और शिमला में एक्टिव केस ज्यादा हैं और यहां मामले भी अधिक आ रहे हैं. ऐसे में इन चार जिलों में सख्ती बढ़ाई जा सकती है. दूसरी लहर में ऐेसा हुआ था. कांगड़ा में 1700 के करीब एक्टिव केस हैं.
अब तक क्या बंदिशे हैं?
हिमाचल में मौजूदा समय में पांच दिन के लिए सरकारी दफ्तर खुल रहे हैं. साथ ही 50 फीसदी कर्मचारियों को दफ्तर बुलाया गया है. 26 जनवरी तक स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान बंद किए गए हैं. वहीं, जिलों में दुकानें खोलने और बंद करने के लिए भी टाइम तय किया गया है. अभी शाम सात बजे तक बाजार खोलने के आदेश हैं. अहम बात है कि सीएम जयराम ठाकुर और अन्य राज्यों के सीएम गुरुवार को पीएम मोदी के साथ वर्चुअली मीटिंग करेंगे.