डिजिटल गोल्ड की ट्रेडिंग को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. मार्केट रेगुलेटर सेबी ने एक्सचेंजों में ब्रोकर के माध्यम से डिजिटल गोल्ड की बिक्री पर रोक लगाई हुई है. सेबी ने डिजिटल गोल्ड की बिक्री को सिक्योरिटीज कांट्रैक्टस नियमों का उल्लंघन बताया है. सिक्योरिटीज कांट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) रूल्स के मुताबिक डिजिटल गोल्ड को सिक्योरिटी नहीं माना जाता है.

सेबी के इस फैसले के बाद से नॉन-बैंकिंग प्लेटफॉर्म या वॉलेट्स से डिजिटल गोल्ड की ट्रेडिंग बढ़ रही है.

सरकार अब डिजिटल गोल्ड की ट्रेडिंग पर सख्त कदम उठाने जा रही है, ताकि निवेशकों का पैसा सुरक्षित रहे. चूंकि डिजिटल गोल्ड किसी भी रेगुलेटरी के अधीन नहीं आता है, इसलिए इसमें ट्रेडिंग करना किसी भी लिहाज से सुरक्षित नहीं है. सरकार अब इसे रेगुलेटरी के दायरे में लाने पर विचार कर रही है.

वित्त मंत्रालय, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी-Sebi) और भारतीय रिजर्व बैंक कुछ नियामक निरीक्षण के तहत क्रिप्टो करेंसियों के साथ-साथ डिजिटल गोल्ड को भी लाने के लिए काम कर रहे हैं, क्योंकि इस तरह के निवेश में डिजिटल गोल्ड या क्रिप्टो करेंसी में बेतहाशा इजाफा होता है, जो कि बाजार के लिए घातक है.

सरकार की योजना है कि इन ट्रेडिंग को रेगुलेटरी के दायरे में लाकर इनमें पारदर्शिता लाई जाए और कंपनियों द्वारा निवेशकों को लुभाने के लिए इन संपत्तियों में किए गए ज्यादा रिटर्न के झूठे वादों पर अंकुश लगाया जाए.

सरकार की योजना है कि डिजिटल सोने को सुरक्षा मानदंडों में लाने के लिए सेबी अधिनियम और प्रतिभूति अनुबंध विनियमन अधिनियम में संशोधन किया जाए.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को क्रिप्टो परिसंपत्तियों के बारे में लंबी रणनीति तय करने के लिए सेबी समेत अन्य नियामकों के साथ बैठक की थी. इसके बाद वित्त पर स्थायी समिति ने हितधारकों के साथ बैठक की ताकि क्रिप्टो से जुड़े अवसरों और चुनौतियों पर उनके विचारों का पता लगाया जा सके.

डिजिटल गोल्ड को लेकर निवेशकों खासकर युवा निवेशकों रुझान तेजी से बढ़ रहा है. क्योंकि डिजिटल गोल्ड में मोबाइल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या वॉलेट्स द्वारा ऑफर किए जा रहे कैशबैक रिवार्ड्स के जरिए निवेश कर सकते हैं. इसके अलावा आप डिजिटल गोल्ड में कितने भी रुपये निवेश कर सकते हैं. आप 100-200 रुपये में भी सोना खरीद सकते हैं.