सुहाग नगरी फिरोजाबाद  देश का नंबर 1 प्रदूषित शहर बन गया है. आगरा  दूसरे और वृंदावन तीसरे स्थान पर है. ये तीनों शहरों की आबोहवा जहरीली हो गयी है. चूड़ियों के शहर फिरोजाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) 489 दर्ज किया गया, जो पूरे देश में सर्वाधिक है. इसके बाद ताजमहल के शहर आगरा का नंबर है. आगरा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 472 दर्ज किया गया. भगवान श्री कृष्ण की नगरी मथुरा के वृंदावन में एयर क्वालिटी इंडेक्स 454 दर्ज हुआ. फिरोजाबाद, ताजमहल के शहर आगरा और वृंदावन में भयंकर वायु प्रदूषण के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. तीनों शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर पर बना हुआ है.

आगरा में लगातार तीन दिन से 400 के आसपास एयर क्वालिटी इंडेक्स है. जिसकी वजह से अस्थमा के मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से एक आगरा में हालात गम्भीर हैं. आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल की ओपीडी में बड़ी संख्या में धूल और धुएं के शिकार होकर मरीज लगातार ओपीडी में पहुंच रहे हैं. सांस और दमा मरीजों की हालत बेहद खराब थी. दो अस्थमा मरीजों सहित कुल 7 मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा. नेत्र रोग विभाग की वरिष्ठ डॉक्टर शेफाली मजूमदार ने बताया कि आंखों में धूल के कण जाने से लोगों को आंखों में जलन, पानी आने और खुजली की परेशानी हो रही है. बच्चों को सबसे ज्यादा इससे दिक्कत हो रही है.

मेडिकल कॉलेज के टीबी वार्ड में 20 मरीज फुल आक्सीजन पर है. प्रदूषण की वजह से मरीजों के गले में खराश,  दर्द होना,  सूजन जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं. तमाम बच्चों के टांसिल में सूजन आ गई है. इसके अलावा एलर्जी का भी दुष्परिणाम सामने आ रहा है. धूल, कार्बन तत्व त्वचा की ऊपरी सतह पर चिपक जाने से त्वचा में खुजली हो रही है. आगरा के डीएम प्रभु एन सिंह ने बताया कि वायु प्रदूषण की रोक थाम के निर्देश दिए गए है. लगातार विभागों को निर्माण स्थलों पर पानी के छिड़काव के निर्देश दिए गए हैं.  स्थानीय स्तर पर लगातार प्रयास किया जा रहा है ताकि प्रदूषण का स्तर कम हो.