क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हमेशा कुछ न कुछ विवाद बना रहता है. इसकी माइनिंग से लेकर इस्तेमाल तक को लेकर हमेशा सवाल उठते रहते हैं. अब इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने फिर से इस मामले में चेतावनी दी है. IMF ने क्रिप्टोकरेंसी अपनाने वाले देशों को एक बार फिर इसके खतरों के बारे में आगाह किया है.
IMF ने इन तमाम देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को बड़े स्तर पर अपनाने से फाइनेंशियल मार्केट में कई खतरे पैदा हो सकते हैं. बता दें कि IMF इस पहले भी क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी रूप से अपनाने के खिलाफ अपनी राय जाहिर कर चुका है.
IMF ने अपनी ग्लोबल फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट में कहा, “एक क्रिप्टो एसेट को मुख्य राष्ट्रीय करेंसी के रूप में अपनाने के महत्वपूर्ण खतरे हैं होते हैं और यह एक अनुचित शॉर्टकट है.” IMF ने क्रिप्टो को अपनाने के जिन खतरों को बताया कि उनमें “बड़े स्तर पर वित्तीय स्थिरता, फाइनेंशियल इंटिग्रिटी, कंज्यूमर प्रोटेक्शन और पर्यावरण” से जुड़े खतरे शामिल हैं.
IMF ने कहा, “फिलहाल ऐसी स्थिति पैदा होने की संभावना कम है क्योंकि अभी भी अधिकतर देशों में लोग और बिजनेस इससे दूर है. हालांकि गैर-स्टेबल क्रिप्टो करेंसी की वैल्यू में जो अचानक से भारी उतार-चढ़ाव आता है, वह बताता है कि इसका वास्तविक अर्थव्यवस्था से कोई जुड़ाव नहीं है.
IMF के एक ग्रुप की तरफ से तैयार रिपोर्ट में इस तथ्य के बारे में भी चेतावनी दी कि जैसे-जैसे क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो बाजार विकसित और बढ़ते जाएंगे, वैसे-वैसे अधिक जोखिम वाले कारक सामने आएंगे.
IMF की यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है, जब सेंट्रल अमेरिकी देश अल सल्वाडोर बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में अपनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. इस बीच बिटकॉइन में पिछले एक हफ्ते में 10 पर्सेंट से अधिक की तेजी आई है.